खान्देश की पहली महिला रेखा चौधरी बनी वेलनेस इंडस्ट्री की पहली डॉक्टरेट
वनलाईन वेलनेस प्रा.लि. की एमडी और स्पा एन्ड वेलनेस इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाने वाली रेखा चौधरी ने गौरवशाली मुकाम हासिल किया है। हाल ही में इंडिया हॅबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित किये गये ५वे सोर्बन अंतरराष्ट्रीय कॉनव्होकेशन कार्यक्रम में रेखा चौधरी को 'फिलॉसॉफी डॉक्टर होनोरिस कौसा' से सम्मानित किया गया। आयआयपीपीटी फाउंडेशन इंडिया के संयुक्त विद्यमान के साथ फ्रान्स के सोर्बन विद्यापीठ के डॉ. जॉन थॉमस प्राडे ने आयोजित किये हुए इस हेल्थ और वेलनेस क्षेत्र के कॉनक्लेव्ह में रेखा चौधरी को सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया।
ब्युटी और वेलनेस के क्षेत्र में एक नया विकास पर्व शुरु होने के बाद त्वचा नैसर्गिक सौंदर्य और वेलनेस को एक नया स्थान मिला। इन्ही कारणों की वजह से ब्युटी और वेलनेस के विशेषज्ञों को एक नया मुकाम मिला। पच्चीस वर्ष के कठोर परिश्रम के पश्चात रेखा चौधरी का नाम इस क्षेत्र में मशहूर है। इस क्षेत्र में रेखा चौधरी ने खुद की एक अलग पहचान बनाई हैं। वो भारत कि ग्लोबल वेलनेस अँबॅसेडर हैं। रेखा चौधरी वेलनेस इंडस्ट्री और खान्देश की प्रथम महिला हैं जिन्हें डॉक्टरेट की पदवी मिली हैं।
अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हुए रेखा चौधरी ने कहा, “पच्चीस साल पहले जब में सौंदर्य क्षेत्र में काम करने के लिये शहर में आयी तब का समय बहुत कठिन था और जब मेंने स्पा और वेलनेस के क्षेत्र में प्रवेश किया तब वो वक्त काफी संघर्षमय था। में समझ गयी थी जीत की राह इतनी आसान नही है पर नामुमकिन भी नहीं । इसी लिए मैंने मेरा प्रयास जारी रखा। मुझे ख़ुशी है की मुझे पुरस्कारप्राप्त युरोपीयन स्किनकेअर अन्स एसपीए ब्रँड्स, रॅमी लॉरे, फायटोमर, एएसपी और बी।एल।बी। इतके साथ काम करने कि अवसर मिला। जग के हाय-एंड लक्झरी स्पा के साथ जुडकर काम करना, खुद के जुहू स्थित लोकप्रिय कॅरेसा डे स्पा, जिओ थर्मो थेरपी और रोप मसाज थेरपी जैसे मेरे विविध पेटंट ट्रीटमेंट्स् की अलग पहचान मिली है। हम गाव के आदिवासी युवाओ को सौंदर्य और वेलनेस का प्रशिक्षण भी दिया है। हम यही नही रुके शहरों के नामचीन स्पा और सेलोन में नौकरी दिला के उनके जीवन मैं सकारात्मक बदलाव लाये हैं। फ्रान्स के सोर्बन युनिव्हर्सिटी के डॉ. जॉन थॉमस प्राडे ने मुझे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करके मुझे सम्मानित किया इसके लिए मैं उनकी शुक्रगुज़ार हूँ। खुद के पसंद क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाना और पुरस्कार प्राप्त करना इस ख़ुशी को बया करना आसान नहीं होता पर यह ख़ुशी बहुत ही उम्दा होती हैं। "